Dosti ki Kimat hindi Shayri दोस्ती से कीमती कोई जागीर नही होती;दोस्ती से खूबसूर्त कोई तस्वीर नही होती;दोस्ती यूँ तो कचा धागा है मगर;इस धागे से मजबूत कोई ज़ंजीर नही होती!
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